मुँह पर एक बात होती है दिल में एक और
दुनिया में इस तरह चला है झूठ का दौर !
वो लोग बड़े-बड़े जो ऊँची वेदियों पर खड़े
भगवान की तरह जिन्हें पूजे जाने के हौसले
जुल्म के राही थे वे, छीने गरीब के कौर !
दूसरों के नुक्स देखते हैं छुपाके अपने दाग
अपनी तारीफ ही करते हैं गाकर स्तुति -राग
कोई भी भाँप सकता है सच्चाई करके गौर !
औरों को चोर बताकर की चोरी आँखें मीच
देख दुनिया की रीत दीप देख यहाँ का तौर !
Xavier Bage
Mon, 15 August 2016.
image: pixabay
No comments:
Post a Comment