Wednesday 1 June 2016

गाती रहो , ओ नन्ही चिड़िया

 













गाती रहो , ओ नन्ही चिड़िया
दुनिया में बहुत है ग़म
एक गरीब के दिल में
तुम्हीं  हो खुशी की बूँद
तुम्हारी एक  मधुर तान
पोंछ देती है आँखें नम !

दूर तक जाती हुई राहें
कदम-कदम पर देती हैं आहें
मुस्कानों के पल हैं कम।

तेज़ हवाएँ बुझाती हैं बाती
सुनामी लहरें छुड़ाती हैं साथी
सकून हो जो आंधी जाये थम। 

Xavier Bage
Thurs, June 02, 2016

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