Saturday 16 April 2016

उम्मीद है एक नन्ही चिड़िया
















उम्मीद है एक नन्ही चिड़िया
अंतर्मन  की डाल पर,
मीठी एक तान गाती  है
जीवन के धुन-ताल पर !

कभी नहीं वो थमती है
आंधी हो या हो तूफ़ान,
अँधेरा जब गहरा जाए
और मधुर होती है तान!

बर्फीली अकेली जगह हो
या फिर तपता हुआ  सहर,
अजनबी  समुद्री लहरें हों
या फिर सुनसान हो डगर,

उम्मीद है वो स्वर्ग-किरण 
दूर तमस जो भगाती है,
मृतप्राय मानव मन को 
अमृत पिला जगाती है!

उम्मीद है एक नन्ही चिड़िया 
अंतर्मन की डाल पर ,
मीठी एक तान सुनाती है 
जीवन के धुन-ताल पर !


ज़ेवियर बेज़ 
Sat, April 16, 2016

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