कल मिला था प्लेटफार्म पर
आज दिखा वह बाज़ार में
कल मिल जायेगा कहीं और
गली में या मंदिर द्वार में
माँ- बाप के प्यार बिना
लिपटा हुआ वो चिथड़ों में
सो लेता है नग्न धरा पर
जीता भीख के टुकड़ों में
भीख न मिले तो कूड़ेदान में
मिल जाते हैं जूठन प्लेट
कुत्तों से छीना -झपटी कर
बुझा लेता है जलता पेट
जो एक बच्चा है लाचार
दो इंसान क्या आगे आकर
दे नहीं सकते थोड़ा प्यार ?
ले आया हूँ इस बचपन को
एक बाल-आश्रम के गाँव
भाई-बहन का साथ रहेगा
मिल जाएगी प्यार की छॉंव
भाई-बहन का साथ रहेगा
मिल जाएगी प्यार की छॉंव
Xavier Bage
Sun, April 24, 2016
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