Saturday 23 April 2016

माँ- बाप के प्यार बिना वो बच्चा



























कल मिला था प्लेटफार्म पर 
आज दिखा वह बाज़ार में 
कल मिल जायेगा कहीं और 
गली में  या मंदिर द्वार में

माँ- बाप के प्यार बिना 
लिपटा  हुआ वो  चिथड़ों में
सो लेता है नग्न धरा पर 
जीता  भीख के टुकड़ों में

भीख न मिले तो कूड़ेदान में 
मिल  जाते हैं जूठन प्लेट 
कुत्तों से छीना -झपटी कर 
बुझा लेता है जलता पेट

शर्म  हो तुझको हे मानव 
जो एक बच्चा है लाचार 
दो इंसान क्या आगे आकर 
दे नहीं सकते थोड़ा प्यार ?

ले आया हूँ इस बचपन को 
एक बाल-आश्रम के गाँव 
भाई-बहन का साथ रहेगा 
मिल जाएगी प्यार की छॉंव


Xavier Bage
Sun, April  24, 2016

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