ज़िन्दगी के बालू पर कुछ निशाँ छोड़ जाऊँगा ,
चाहे मिटा दें ये लहरें कुछ बयाँ छोड़ जाऊँगा।
पूरा रास्ता न भी बना सका तो क्या हुआ,
दो एक चट्टानें यहाँ ज़रूर फोड़ जाऊँगा।
दयालु खुदा ने कुछ वरदान दिए हैं मुझे ,
कुछ टूटे हुए दिल मैं ज़रूर जोड़ जाऊंगा।
कुछ याद रहेंगे ज्यादा भुला दिए जायेंगे ,
कुछ गीतों से जहाँ की राहें मोड़ जाऊंगा।
इंसान जनम लिया तो इंसानियत करनी है ,
ख़ुदग़र्ज़ी की कुछ आदतें ज़रूर तोड़ जाऊँगा।
कुछ फसल प्यार की मुझे यहाँ लगानी है ,
दो एक कुदाल ही सही ज़मीन कोड जाऊँगा।
Xavier Bage
Thurs, May 19, 2019
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